दाणां कढतां

आया है

नूंई-नकोर जीप मांय चढ’र

पळकतै

भगवां गाभाळां

पांच-सात मोड

जाणै कोई राज रा अैलकार

आया हुवै

‘लगान-वसूली’ सारू।

स्रोत
  • पोथी : आसोज मांय मेह ,
  • सिरजक : निशान्त ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन