थारौ चट

थारौ पट

थारौ कळदार

थारौ भार

भलांई-

आभै उछाळ

कै

राख संभाळ

म्हारौ कांई?

थारौ थारौ

थारौ गीत

थारौ संगीत

थारौ सुर

थारौ गुर

भलांई-

राग अलाप

कै

मूंन कळाप

म्हारौ कांई?

थारौ थारौ।

स्रोत
  • सिरजक : गजेसिंह राजपुरोहित ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी