सामै का डूंगर पै
चढ़'र देख
बादळ्यां,
लीला रुंखडा
नंदी को चढ़ाव...
सड़क-
जी कै पा'र
आपणौ गांव!
फैर बच्यार
टटोळ थारी जिंदगाणी
बरखा की रपट ई छै
जी नै तू
समंदर
जाण'र्यो छै।