एक

तमारे हरका उणियारा अने डील वारो

तमारे पेल

तमारे शिवाय

कोय पेल पैदा थ्यो ?

उत्तर है—'ना'

बे

तमारे हरको

तमारे पेल

तमारे शिवाय

कोय पसै पैदा थायेगा?

उत्तर है—'ना'

तण

आजे तमारे हरको

तमारा रंग, रूप वारो

तमारे शिवाय

कोय अपडै़ पैदा थ्यो है?

उत्तर है—'ना'

पसै

तमैं मलन हो के नै?

तमै पोतानी ओरकी नहीं शक्या के

तमै महान हो

तमनै भगवानैं कोई मलन काम हारू मोकल्यो है

तमै पोता नै ओरकौ।

केम के तमै तमै हो,

तमारे शिवाये बीजो नती।

स्रोत
  • पोथी : वागड़ अंचल री ,
  • सिरजक : जवाहर 'तरुण' ,
  • संपादक : ज्योतिपुंज ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham