तम्बाकू नैं छोड़ बावळा।

बेगो मूंडो मोड़ बावळा॥

जरदो गुटखो सुरती फांकै,

क्यांनै होडा-होड़ बावळा।

चिलमां अर, बीड़ी सिगरेटां,

तनडो लियो निचोड़ बावळा।

आंख्यां तो खाडा मं बडगी,

दूखण लाग्या जोड़ बावळा।

काळा-पीळा, दांत हो रह्या,

बिगड़ी जावै खोड़ बावळा।

खांसी-टीबी, दमा-केंन्सर,

रोगां को गठजोड़ बावळा।

बेमार्'यां की, भैण तम्बाकू,

सूं क्यांको कोड़ बावळा।

कर्क रोग को, तोड़ नहीं छै,

खर्च्यां रुप्या करोड़ बावळा।

गाड़ी-घोड़ा, खेत-गुवाडी,

बिकै रजाई, सोड़ बावळा।

जै सुख चावै, काया माया,

हेत राम सूं, जोड़ बावळा।

बाण खोडळी तजदे 'चंचल',

समझावूं कर जोड़ बावळा।

तम्बाकू नैं छोड़ बावळा।

बेगो मूंडो मोड़ बावळा॥

स्रोत
  • सिरजक : प्रहलाद कुमावत 'चंचल' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी