ताळं मअें’स् रई गई हैं

केटलं ताळं नी कुंचिये

तो

गूंजां खराळ्या पूठै

खाली’स् रैवाना हैं ने हाथ।

स्रोत
  • पोथी : अपरंच ,
  • सिरजक : हर्षिल पाटीदार ,
  • संपादक : गौतम अरोड़ा ,
  • प्रकाशक : अपरंच प्रकाशन