थेपड़्या थेपती काकी

कांई जाणै अेस.अेम.अेस. री थाप।

मोबाईल री क्रांति

सूचनावां रो नवो संसार

कम पईसां में सब व्हैग्या

बातेरी बणवा नैं त्यार।

तकनीक री बातां

आभै में पसरती जाय रैयी है

टू-जी, थ्री-जी अर फोर-जी री बात

म्हारी जीजी नैं ठाह कोनी

तकनीक नैं समझबा री तकनीक

गांव-गांव रा मिनखां नैं बताणी है

लारै-लारै

सरकार नैं जठै बिजळी नीं पूगी

बठै बिजळी पूगाणी है।

स्हैर रा मिनख है घणा हुंसियार

गांव रा मिनखां नैं

हुंसियार बणाणा है

म्हे हां समझ राखबा वाळा

सब नैं जणाणो है।

स्रोत
  • पोथी : मंडाण ,
  • सिरजक : कुंजन आचार्य ,
  • संपादक : नीरज दइया ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham