कोई व्यंजन

कैड़ो लाग्यो

कांई इणरो

पुख्ता जवाब है?

किणी स्वाद नै

हू-ब-हू

बखाण्यो जा सकै?

जलेबी फगत मीठी नीं

कीं और हुवै

भुजिया फगत चरका नीं

कीं और हुवै

अर ‘कीं और’

कई हिस्सां में बंट्योड़ो

अर हर हिस्सै रो स्वाद

न्यारो

जिको भासा री गोदी मांय

खेलतै थकां

अनंत कोसां दूर

स्वाद भासा री

मरीचिका है

इंद्रियबोध रो

बोछरड़ो बेटो

जकै री फोटू-कॉपी नीं हो सकै।

स्रोत
  • पोथी : म्हैं अन्नदाता कोनी ,
  • सिरजक : रामस्वरूप किसान ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम