म्है पतझड़ का पीळा पात
पीळा-पीळा अर चकत्तां
सूकेड़ी डाळयां भूरी-भूरी
लागै कियां झूरी-झूरी
झरर-झरर देवा आवाज
म्हैं छां नूंवा सुरां का साज
म्हैं झर जावां झरर-झरर
नूंवो रूप लेवैलो तरूवर
कोयलड़ी कूकैली फेर
पीळा-पात होवैला लाल
खिलखिलासी सगळी डाळ
नूंवै सिरजण की हुवैली बात
लेय'र अेक नूवो संचार।