1

सात फेरा रा वाचा
जुग बदळाव में
झुठा
कै
साचा

2

चवरीं री अगन
जीवन रौ राग
कै
मरण रीं दाझं

3

लुगाईं री जिन्दगी
दो पाटां ज्यानं
पंसीजैं
घर परिवार
अर.
नौकरी बिचाळैं

4

बगत आयग्यौ
करणीं कूंत
नारी नैं
नारी रीं

5

राखं जीवतौं
मिनखापणैं नैं
नी तौं
काईं
अंतर थारैं
अर
जिनावरं में

6
     
आधुनिकता
आंधीं होडं
नतीजौ
संस्कारां
रों
पलायन

7

बांत मैं हुकारौं
प्रीत रौं हळकारौं
आयां ई सरसैं

8

अबूझ जिन्दगानीं
रीं आडींयां
सुळझाडं मैं
बितै सारीं
ऊमर
स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : मीनाक्षी बोराणा ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी