स्हैर-

पूराणै चौकीदार रो

नूंवो ओवरकोट लागै

जिण री कोई पसळी अजै भी

पुराणै संसार में बंट खावै

अर जिण रो नाक

चिमन्यां री नोक रै धूंवै टिक्योड़ो रेवै।।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुनियोड़ी ,
  • सिरजक : प्रमोद कुमार शर्मा