हींडा

ऊबल्यां

भायल्यां

आई बातड़ल्यां में

हरख्यो मनड़ो

हरख्यो है सावण।

तीज-त्यूंआर, गणगोरां

भेजै में

घर सो है सावण।

कैर-खेजड़ी, रोहिड़ा

पत्यां-पानका में

सरस्यो है सावण।

जुवार-बाजरी, मोठां-मूंगा

दरात्यां में

पसर्यो है सावण।

खेत-ढाणी, चौबारां

गाणींमाणी

रातां में

बरस्यो है सावण।

स्रोत
  • पोथी : तीजो थार-सप्तक ,
  • सिरजक : पृथ्वी परिहार ,
  • संपादक : ओम पुरोहित 'कागद' ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन