रंग राज नै, रंग ताज नै, रंग घणौ है थानै

सरपंच वाळी कुरसी मिळगी गीगल्या री मां नै

लुगाईयां नै औहदौ मिळगौ म्है बठै का बठैई

उणारै लारै म्है चालां व्है जावै जठैई

राम राम सा करै वां नै, अर आंख्यां काढै म्हानै

खाली हाथ चालणौ वां नै, थैलौ उपाड़नौ म्हानै

रंग राज नै...

ओढ़णौ घाघरौ छौड़ व्है साड़ी पैरण लाग्या

देखौ रै बस्ती रा लोगौं म्हारा भाग जाग्या

दूध मलाई खिलावै वांनै, खुरचन खुरचन म्हानै

गांव सभा मांय बैठणौ वांनै, टाबर राखणा म्हानै

रंग राज नै...

इणमें रंग लागै ना फिटकरी, तौई रंग चौखौ

वा रै कळजुग थांरी माया, जबरौ मिळियौ मौखौ

जैपुर वाळी रजाई वां नै, फाट्यौड़ी राली म्हानै

गुलाब जामुन रसगुलां वां नै, लूकी बाटी म्हानै

रंग राज नै...

अे काम चौड़ै धाड़ै करै रूपिया लैवै छांनै

टर टर करता लारै फिरां टकौ नीं दैवै म्हानै

जगमग तारा होटल वां नै, टूटी झूपड़ी म्हानै

कुलर अेअर कंडीसन वां नै, माछर खावे म्हानै

रंग राज नै...

लोक अरपण करण खातर अै जावै मौड़ा मौड़ा

फैर बठै जायनै कैवै म्हां आया दौड़ा दौड़ा

लाल फीतौ काटणौ वां नै, थाळी पकड़नी म्हानै

झूठौ भासण दैणौ वां नै, ताळी बजावणी म्हानै

रंग राज नै...

स्रोत
  • सिरजक : छगनराज राव 'दीप' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी