म्हूं ‌सड़क हूं

म्हारो काम है,

लोगों ने ठिकाणे सारू पुगावणों।

म्हूं भेदभाव नीं करूं,

जात-धरम रो

ऊंच नीच रो।

फगत बै ही पुगै ठिकाणे सर

जका चालता रैवे लगोलग

फगत नैच्छो राखै

आप'रे बूंकिया रै जोर माथै।

जिणा'रो धरम आप'री मेहनत है

जिणा'री पहचाण उणा'रो काम है।

म्हूं तो तैयार हूं

हरमेस आप'री सेवा मांय

थै तैयार हो कै,

ऊंच नीच रा भेदभाव भूल'र

आप'रो ठिकाणो पावण सारू

म्हारै साथ चालण सारू?

स्रोत
  • सिरजक : रामकुमार भाम्भू ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी