रिस्तां रो मोल

आज

मतलबां सूं जाण्यो जावै।

जिण सूं जितो मतलब निकळै

बो रिस्तो

बितो ही खास।

जिको सही नै सही कैवे,

या जिको गलत काम नीं हुवण दैवे,

बो चाहे सगो भाई हुवै

बो बितो ही दूर।

जिको भाई बचपन मांय

आप'रे मुंडै रो निवाळो

दे देवंतो भाई रै मुंडे मांय

आज लगांवतो निजर आवे जोर

खायो पियो निकाळण नै।

कै होग्यो

आपणी सोच नै

आपणै समाज री सोच नै

थोड़ो सोच नै बतावो नीं...

स्रोत
  • सिरजक : रामकुमार भाम्भू ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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