थारै प्रेम रंग स्यूं भंवरसा
रंग द्यो म्हांरो हिव पिया
बण ज्यावो रंगरेज पिया।
रंग अेसो जोर चढ़ै पिया
ना ठहरै दूजो रंग पिया
बण ज्यावो रंगरेज पिया।
समझ ओढणी थे तन रंग द्यो
रूं-रूं प्रीत रा रंग थे भर द्यो
रंगो काळजो सतरंगी पिया
बण ज्यावो रंगरेज पिया।
नैण गुलाबी काजळ कजरारो
अेकमेक हुवै रंग थारो म्हांरो
रंग ज्यावूं थारै रंग में पिया
बण ज्यावो रंगरेज पिया।
तन थिरकै अधर फड़फड़ावै है
निरखूं सामै तो जी घबरावै है
डरपूं कियां अंग लगूं पिया
बण ज्यावो रंगरेज पिया॥