अेक गुड्डी काच री

रोजीना तोड़ी जावती।

बा रोज

जोड़ी जावती

फेरूं

जोड़ा-सांधी नै

नूंवो सिणगार समझ’र

बा फेरूं अेक

रम्मतियो बण जावती।

स्रोत
  • सिरजक : सोनाली सुथार ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी