रामजी रा घोड़ा

चरै है रामजी रो खेत

थांरो कांई लेवै

सास्तर यूं केवै कै

जिणरी चीज

जिण कनै

पूग जावै

तो सम्मो

घणौ सांतरो कैवावै।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थली ,
  • सिरजक : भगवतीलाल व्यास ,
  • संपादक : श्याम महर्षि