अबै तू छोड पुराणी राग
नीद नै त्याग
धरा संगीत सुणावै री
अबै तू देख जगत री नार
मिनख रै लारै
कदम सूं कदम मिलावै री
अबै तू जाग
बणी बच्चा री सिरफ मसीन
हिय मे भर्यो गुलाम सभाव
कियो थारै साथै हर रोज
मिनख री पसुता मन बहलाव
घूंघटो तोड, लाज नै छौड़
चूडिया फोड़
समै अब तन जगाव री
अबै तू जाग
करै मत चादडलै सू प्यार
सुणावै मत कुरजां रा गीत
भंवर जद सपनै में बिलमाय
करै मत नैणा री परतीत
प्यार रा फूल बण्या है सूळ,
करै मत भूल
तनै कविता समझावै री
अब तू जाग
आंख सूं आंसूड़ा ढळकाय
मिटावै मत काजळ री रेख
अरी भीज्या नैणा में आज
दुखी खुद री परछाई देख
प्राण में घुटन लिया तू खडी
पगा में पडी-
—पागडी सी पछतावै री
अबै तू जाग
जेवरा रै बोझै नै लाद
धरै मत अब गुड्डी रो रूप
देख पूरब में निकळ्यो आज
लिया सूरज चमकीली धूप
प्रेळै ले हाथ, किरण धर माथ
देस रै साथ
जिन्दगी तनै बुलाव री
अब तू जाग।