गीतासार-
कै'ह राड़ बिचै
बाड़ चोखी
पण
जद बाड़ ई
खेत नै खावै
तो कुण दोखी?
जीवणसार-
कै' राड़ तौ
भळै ई निभ जासी
जे खूटग्यौ खेत
तौ बाड़ कठै जासी?