पूजा अर अरदास रै ओळावै

गई तौ ही

थनै मांगण तांई ही

पण

किस्योक संजोग व्हियौ के

अरदास करती वगत

खुदाौखुद नै ही अरपण करियाई।

स्रोत
  • पोथी : आंगणै सूं आभौ ,
  • सिरजक : गीताश्री ,
  • संपादक : शारदा कृष्ण ,
  • प्रकाशक : उषा पब्लिशिंग हाउस ,
  • संस्करण : प्रथम
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