कतरा'क दन चाले ये प्रीत री वातां

कतरा'क दन चाले ये रीत री वातां

वसंत जा परो न, याद नी आवे री

ये टेसू, ये गेसू और मोवणी वातां।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : किरण बाला 'किरन' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी