चेतौ
चेतौ के थांरी छाती माथै
कूंडाळौ घाल’र नासां स्हारै
फण साध्यां
बैठौ है पीणो सांप
पीवै—
भासा, भरोसो अर सांस
पोछड़ी
जद औ
पूंछ रौ फटकारो देय’र जावैला
तद थांनै देस अर
आजादी रौ अरथ समझ में आवैला
हतभाग! के मौड़ौ व्हे जावैला
मौड़ौ व्हे जावैला।