चेतौ

चेतौ के थांरी छाती माथै

कूंडाळौ घाल’र नासां स्हारै

फण साध्यां

बैठौ है पीणो सांप

पीवै—

भासा, भरोसो अर सांस

पोछड़ी

जद

पूंछ रौ फटकारो देय’र जावैला

तद थांनै देस अर

आजादी रौ अरथ समझ में आवैला

हतभाग! के मौड़ौ व्हे जावैला

मौड़ौ व्हे जावैला।

स्रोत
  • पोथी : जातरा अर पड़ाव ,
  • सिरजक : तेजसिंह जोधा ,
  • संपादक : नंद भारद्वाज ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी ,
  • संस्करण : प्रथम