दंग्यां में मोती आरया, धरती नैं केसां सार्या
सुनैरी चूंदड़ी रै घूंघरा सण बाज्या
बेलां कै हींदें बायरो मचोला ल्यायो रे
फागण आयो रे
पणघट पै रंग छायो, गीतां में चंग आयो
म्हूं बीत्या दिन भूल्यो, रसियो झूम गायो
सरसू पै म्हारे लेखूं, घणूं सोनू छायो रे
फागण आयो रे
गोईरे बैठी गायां, फागण गाती बायां
सुहाणी घणी लागै, कोयल बोलै टायां
सकुळ आंबो फूल्यो, भीणी गंध ल्यायो रे
फागण आयो रे
कण-कण फड़कै छै, रे डोड्यां तड़कै छै
अै सीळी-सीळी रातां, पानड़ा खड़कै छै
मरोड़ा खाती मचली, उमंगां ल्यायो रे
फागण आयो रे