जीवणो-मरणो
नेम है
प्रकृति रा
अर आवणो-जावणो
रीत निभावणो
नेम है समाज राI
आओ-
आपां दु:ख-सुख
बांटा-बंटावां
अर आपरै भीतर
मिनखपणै री
पौध लगावां।