खुराडूया सूं लत्ता धोवै।
अर करमा नै दोस लगावै।
खुराडियो तो खुराड्यो ई छै।
थां दूसरा पै घसैगा तो।
कहाँ तांई बरदास होवैगी।
पण अब तो डीलां पै'ई आगी।
प्रकृति घणी रोस में हो रही है।
गणेसजी की नाई नाक पै।
आंगली चढ़ा राखी छै
वा बी कांई करै भापड़ी।
माथा पै ई फरगी।
डूंगर डूंड्या होग्या।
छोटा-मोटा की तो कांई।
बिसात छै। डूंगरां को।
बादसाह हीमाला नै' बी।
डूंड्यो करबा चाल खड्या।
नेता आंख्या पै पट्टी बांध्यां छै ।
अफसर फायलां मं पेड़ उगा।
रह्या छै। प्रकृति सबका।
करतब जाण री छी।
मनख का अन्तर नै पछाणरी छै।
अरै म्हारी बात सुणो, री जी न रखाणो।
गलती नै अब तो मानो।
अपणा मन सूँ आप माफी मांगो।
आगै को रस्तो जाणो।
सांस वहाँ सू लेगा गहराई सूं बच्यारो।
वनराई कै अर भगवान।
कै बारता हो री छ।
थांका सगला करतब।
कान पो री छै।
मनख छो, मनख बणो।
मनख का खोल्या मं।
जनावर मत बणो।
जनावर मत बणो।