तू याद कर
मैं थारी कलास में
जद पैन मांगण आयो
अ’र तू म्हनै
उतावळी हो’र पैन दियो
मैं पैन पूठो सौंप्यो
जद तू बोली-
थात्रै जरूरत है।
थे ई राखो
ओ पैन, पैन नीं हो
दिल हो थारो
जको सौंप दियो
हरमेस सारू म्हनै तूं!