कोई क् मानवी
कानून ने दुनिया-नी
निगा में
गुनेगार थई-ग्यो
ओ-पण?
इ-त हवणें भी
आपडे आप ने-गुनेगार नती
हमज़ तो
ने...हासा-हास
एणे काईं ए गुनो नती कर् यो
ने-एने-
जेल नी कार-कोठरी में
बेवडावी दि दो
-इ-
हा को पाडी-पाडी ने
के है
मै... गुनो-नती-कर्यो
मारू कांई दोष नती
पण-? – एने पुटे भी
कानुन-मने सजा आले
तो भी मु तैयार हूँ
ने – मु
फाँसी माते सडवा हुदी ए
पण मु कुं के
फाँसी आलवा थकी
बईरं उपर थई रई मारामारी
दापु-ने-सुरिये
बे नम्बर नु काम-ने —
शा रे आडी लागती ला
बीग वारो-आतंक-नो भुत
ने-
अन्धा धुन्द लूट पाट
जेवी-घटनाए-
बन्द नती थावानी-ने-
आ समाज ने
जात ने कमजात ए
हदरवानी नती
पसे-टाडी हा लई ने
जके ने शान्ति बन्द बई ने
इ-के है
आ सब पइशं ना स् खेल हैं
पईशा ओ त
गुनेगार ए मुशे ताणी ने फरी शके
ने-ने
पईशो कोडी ने ओ’ त
वना गुनो कर्यो मानवी
ए
फैंदाई शके...।