ठेला ठेला सड़कां पर, सुस्तावण नै कठै न ठांव।
हण माया नगरी में आई, औलूं थांरी म्हारा गांव।
मिनख पणै रो काल अठै है
पड़यो प्रांत रो टोटो।
ऊपर सूं है धणों फूटरो
मन रो माणस खोटो
अठै तोख रो तपै तावड़ो, अठै कठै बा बड़ री छांव।
इण माया नगरी में आई, ओलूं थांरी म्हारा गांव।
अब झूरां बां घर कोटां पर
झिरमिर पड़तो पाणी।
लारे रहगी सुख री घड़ियां
करती गाणो—माणो।
अठै बजारा सुपनां बिकग्या, भरो भीड़ में हार्या दांव।
इण माया नगरी में आई, ओलूं थांरी म्हारा गांव।
अठै भीड़ में फिरै भटकता
बण्या लोग बिणज्यारा।
अठै कठैं कासम री काणी
हुणते रा हुंकारा।
अठै है गीत कठै पिणघट रा, अठै सुणो कागा री कांव
इण माया नगरी में आई ओलूं थारों म्हारा गांव।