बणनो है तो बणो

नीमड़ै ज्यूं

सगळां रो हेताळू

रोगां नै हरण आळो

दोखा नै चरण आळो

खारो कैवो सगळा

पण कदै चाखी

बीरी नींबोळी

काठी किसमिस दांई।

स्रोत
  • पोथी : सांची कैऊँ थांने ,
  • सिरजक : सीमा पारीक ,
  • प्रकाशक : ज्योति पब्लिकेशन्स बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण