आंगणा में बूर नी जूवे

पाड़ुई सूर नी जूवे।

घोर में गांडू नी जूवे

वाटलू खांडू नी जूवे।

समाज नो डण्ड नी जूवे

घोर में सूरो बण्ड नी जूवे।

घोर में नाग नी जूवे

खानदान ऊपर दाग नी जूवे।

कुतरू पालतू नी जूवे

घोर में सीज़ फालतू नी जूवे।

खेतर में खोड़ नी जूवे

डील ऊपर कोढ़ नी जूवे।

बईरा ने आलस नी जूवे

आदमी ने वदार लालस नी जूवे।

स्रोत
  • सिरजक : कैलाश गिरि गोस्वामी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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