अरज करूं अे कुबदां अबकै,

नई साल में मत करज्यो।

छाना-माना नैं रहवो तो,

गई साल सूं कम करज्यो॥

बेट्यां नैं क्हबो लाचारी,

भीड़ बंटाबो बेटां की।

छानैं-ओलै, चोरी-चोरी,

जाँच कराबो पेटां की।

गर्भवास में मारा-मारी,

नई साल में मत करज्यो।

छाना-माना......।१।

दान दायजो, होड़ा-होड़ी,

थोथा खरचा सावा म्हं।

परण्यां पाछै माथा-फोड़ी,

हाय-धाय मुकलावा म्हं।

दायज खातर छोड़ा-छोड़ी,

नई साल में मत करज्यो।

छाना-माना......।२।

गाँजो चिलम तमाखू पीबो,

अमल बांटबो मौसर म्हं।

जरदो-खैणी, गुटखा खाबो,

दांव लगाबो चौसर म्हं।

दारू पी, मारूड़ी गाबो,

नई साल में मत करज्यो।

छाना-माना......।३।

झूंठ कपट जंजाळ रचाबो,

ठाला बैठ हथायां म्हं।

भायां मांही फूट पटकबो,

झगड़ो लोग-लुगायां म्हं।

वोटां खातर लाय लगाबो,

नई साल में मत करज्यो।

छाना-माना......।४।

राजनीति की पाट पुजाबो,

ले'र धर्म की खड़तांळा।

छट्ठै महिनैं हाट सजाबो,

धरणां जलसा हड़तांळा।

नेक काम में टांग अड़ाबो,

नई साल में मत करज्यो।

छाना-माना......।५।

कोठा भर-भर, जुड़बो ताळा,

लूट मचाबो भावा म्हं।

दो नंबर का धन्धा काळा,

और मिलावट मावा म्हं।

'चंचल' बेईमानी जाळा,

नई साल में मत करज्यो।

छाना-माना......।६।

स्रोत
  • सिरजक : प्रहलाद कुमावत 'चंचल' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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