मा घणकरी सी बार
निरोग नीं रेवै
तद भी
निभावै नेम-कायदा
न्हा'र ढाळै गडियो
सुरजजी नै
अर पाणी सींचै
तुळछी में!
पछै बड़ै रसोई में
अर गा-कुत्तै सारू
बणावै अेक-अेक रोटी...
मिंदर में
ठाकुरजी
अर पीतरजी रै ई
अेक-अेक रोटी साथै
घी-खांड रो
लगावै भोग!
मा बतावै
कै भोत जरूरी है
अै नेम-कायदा
घर में बरकत सारू।