अमने खबर है
पारके सारै लागी
तू आकाशै धुतीयू हुकवी र्यो हैं
लूटमार ने खून खराबा नो खेल खेली र्यो हैं
धरम नीं आड़ मएं
घोरै दाडै़
मनकं नैं सकलं हमज़ी नै पाड़ी र्यो हैं।
पण तारी आ रमत तनै मोगी पड़ेगा
तनै रमाड़नार हड़ी-हड़ी नै मरेगा।
सती आँखै तारौ अगुवो आंदरौ है
एटलै तारू लश्कर
पाणी वगर नां कुआ मएं स पड़ेगा।
अलगाव, बिखराव नै टकराव नुं नावडु
क्यारे ए कनारा हुदी नै ज़ाएगा
हिंसा रूपी अंदाई नुं पाणी भरणु है
अदवेसै डूबी ज़ायगा।
ज़ेने भारत माता नीं।
आन कै शान नो कांय ए भान नती
इ त देशद्रोही नै गद्दार है
भारत मां नी सन्तान नती।