नसो करै नास

नसो मती करज़ो

आपड़ै आतै

आपड़ा खुळजा मां

ज़ै'र मती भर ज़ो!

जे पीयै सराब

अेनु थाअे खराब

खेतरं हेतरं वेसाई जयं

सेतरं हेतरं ख़ेसाई जयं...

घोर में सुरं नै बइरु रुवैं अेवू थाय

गाम नं मनकं जुवै अेवू थाय!

मज़क आपड़ु फरी जाय

डील आपड़ु गळी जाय।

स्रोत
  • सिरजक : कैलाश गिरि गोस्वामी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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