नार बिहूणो कंत, पिणघट बिन पिणहारणी

फिर घिर फिरै अकास, बूंद बिना ज्यू बादळौ

धरती पीवै पीड़, आभै री खिमता कठै

जीवण मरण झपाड़, झुर-झुर झेलै बापजी

नैणां खूटै नीर, काळ पड़ै तिड़कै हियौ

मिनखां माठ-मरोड़, पिरथी पोखै बापजी

नार बिहूणौ कंत, मूरत बिन ज्यूं देवरौ

घट-घट भटकै भाट, बिड़द बड़ाई बैण बिन

बिरमा री बुध पांण, कद विरच्यो ब्रह्माण्ड

सुरसत रै सैंजोर, बळ बिड़दाया बापजी

सूता सिरजण हार, संदर सेजां सेज सेष री

अन-धन भरै भंडार, लिछमी तूठ्यां बापजी

स्रिष्टी रौ संहार, सगती बिन सिव बस नहीं

सुबरण सीता साथ, मख मिणसायौ रामजी

पड्यौ अडाणै पीव, धरमराज री थळवटां

सांवतरी बिन जीव, कुण बपरावै बापजी

पदमण रौ परताप, जौहर री लपटां लस्यौ

जय जयवन्ती राग, मगरां मगरां बापजी

पोती मोती लाल, हिन्दवाणै हिरदै बसी

गजमोत्यां गळ माळ, लाल जड़ी ज्यूं बापजी

नार बिहूणौ कंत, किस्तूरी बिन मिरग ज्यूं

भगती बिन ज्यूं संत, बन-बन फिरै भमीजतौ।

स्रोत
  • पोथी : आंगणै सूं आभौ ,
  • सिरजक : शारदा कृष्ण ,
  • संपादक : शारदा कृष्ण ,
  • प्रकाशक : उषा पब्लिशिंग हाउस ,
  • संस्करण : प्रथम