आधी खाली

का जाबक सूकी...

लाम्बी-चौड़ी

अर ऊंडी नैरां

अब तो सागी

मिरगतिरसणा है।

स्रोत
  • पोथी : आसोज मांय मेह ,
  • सिरजक : निशान्त ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन