बादळां रै

खोळै मांय रमती

एक नान्हीं सी

पाणी री

बूँद हूँ म्हैं

सूरज की किरणां

गुदगुदावै म्हनैं

मांडे

म्हारै अंतस मांय

सात रंगा री

रंगोळी

पसर जावै

जगत रै

पपड़ाईज्योड़ै

अधरां माथै मुळक

म्हनैं निरख'र

पसराय देवणी अठै

किणी रै

अधरां माथै मुळक

सैं सूं सुंदर

काम है स्यात!

स्रोत
  • पोथी : कंवळी कूंपळ प्रीत री ,
  • सिरजक : रेणुका व्यास 'नीलम' ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन