म्हैं रोज करूं

खेचळ

सबदां सूं

मांडण सारू

एक कविता

पण नी पड़ै

पल्लै,

इण

सबदां री

खेचळ मांय

कठै गम जावै

आखर माथै सूं

भावां री छाप

छैकड़ लेवण

लागै कविता

तकमौ आलेख रौ!

स्रोत
  • सिरजक : योगेश व्यास राजस्थानी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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