कलकत्ता, चैन्नई
बोम्बै, पुणे
बंगलोर, सूरत
मदुरै का अहमदाबाद
का किणी और स्हर मांय
थार रा रैवणियां री
आंख्यां
हमेस उडीकै
थार सूं आवणियैं नैं
उडीकै अठै री सौरम
उडीकै कै
कोई बतळावै
गांव री बंतळ।
बठै घणों नाम कमावणियां
आं प्रवासी भायलां रा
दिखै सैंग नैं
मोटा बंगला
भरयोड़ी गोमा
गळे-हाथ मांय सोनो
पण नीं दिसै
कै बै हमेस क्यूं सौधे
अठै आवण रो बहानो
मिंदर मायं मूरत थापण सूं लेय’र
ब्याव-सगाई, मरणै-परणै तांई
सामल हुवै सैंस कोसां तूं।
ओ स्यात अकलापो है
टाबर रो मां बिना ओदरणों है।
स्यात अै प्रवासी
जीवै है इतणी दूर
मांयनै लेय’र
अेक नान्हो-सो
धड़कतो
थार।