छोटो सौ है गांव, गुवाड़ी गळियां नैड़ी नैड़ी
टूटी फूटी छांन झूंपड़ी ना पोळी ना मेड़ी
पंचायत रा करै फैसला अमली और गंजेड़ी
सौ सौ चूसा खा’र बिलाई चढ़गी हर री पैड़ी
धाड़ेत्यां लूट ली दूकांन म्हारै गांव में
पंचा री काट ली जुबांन म्हारै गांव में
सुगनी काकी बात बणावै बोलै आडी-टेढ़ी
घींस्यौ बाबौ रोज परायै खेतां काटै पेडी
बूढ़ी दादी री ले भाग्यौ कुण रामार्यौ गेडी
मझ सरद्यां में पगां उभारणा फाटी म्हारी अेडी
छैला चबावै है पांन म्हारै गांव में
बीड़्यां री खुलगी दूकांन म्हारै गांव में
बात बतंगड़ बणता बणता अळियां गळियां फैली
काल रूपली री चूनर ही जघां जघां सूं मैली
मणियारां रै घर रै लारै है फूट्योड़ी हेली
कानूड़ै री बातां में भुळगी अणजांण अकेली
लुच्चां रै लाग री है तांन म्हारै गांव में
डोळ्यां रै चिपर् या है कांन म्हारै गांव में
परस्यूं रात गुवाड़ी में पाबूजी री फड़ रोपी
सारंगी पर नाच देख कर टोर बांधली गोपी
ओलै-छांनै सैन करै है देकर आडी टोपी
अब तौ खुस होग्या हां रुपियौ लेज्या प्यारी भोपी
कर दियौ रुपियै रौ दांन म्हारै गांव में
राख लियौ मैफिल रौ मांन म्हारै गांव में
मनवारां में बौळी पीग्या करता थोड़ी-थोड़ी
नसौ हुयौ जद कुबदां सूझी कर ली छाती चौड़ी
ठाकर सा ठरकै सूं बोल्या पाछै मूंछ मरोड़ी
जुगली छोरी आज रावळै सूं घर जायै मोड़ी
ठाडै रौ डोकौ है डांग म्हारै गांव में
हीणै री फाड़ लीनी लांग म्हारै गांव में
जुऔ सोदौ खेल करण रौ नसौ अणूतौ लाग्यौ
अम्बर मांही देख बादळी टैण साबती खाग्यौ
दो की बींदी दो को चौकौ दो को दड़ौ लगाग्यौ
घर हाळी रौ गैणौ लत्तौ बेच बाच कर खाग्यौ
गिरवी जुवार्यां री स्यांन म्हारै गांव में
लूट खोस खावै जुजमांन म्हारै गांव में।