दौड़'र कठै मिलसी खुसी

झूठा भरम नैं पाळ रैया हो

कदैई नचीता बैठ'र

निरखो ऊगतो सूरज

खिल्योड़ा फूल

ओस री बूंदां

अर टाबरां री हंसी नैं

सुणो कोयल री टहूक

बिरखा रो सरणाटो

अर बादळी री गाज नैं

थांनैं साच ठाह पड़ जासी।

स्रोत
  • पोथी : मंडाण ,
  • सिरजक : शिवदान सिंह जोलावास ,
  • संपादक : नीरज दइया ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham