माणस! मिनखपणौ मत छोड़

बड़का री कुळ-नीत रीत री

मरजादा मत तोड़

माणस! मिनखपणौ मत छोड़

बैर-विरोध, कुबांण, बुराई

गरब-गुमांन गाळ गरमाई

बळत विभूति देख पराई

सूं नातौ मत जोड़

माणस! मिनखपणौ मत छोड़

पीर पराई मीठी बाणी

आहत हीण अनाथ पिरांणी

सीख नई परतीत पुरांणी

सूं मूँडो मत मोड़

माणस! मिनखपणौ मत छोड़

ओछी नीत रीत अणचाई

पर निंदरा बेबात बड़ाई

थोथा थूक बिलोण लड़ाई

सूं माथौ मत फोड़

माणस! मिनखपणौ मत छोड़।

स्रोत
  • सिरजक : महावीर प्रसाद जोशी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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