राम-रहीम नी धरती माथे हुं हुं जूवू रई ग्यू है?
मनख मनख ने मन में आजे कईयु भुसू पई ग्यू है?
स्वतंत्रता नं लेर मानवी अरतं-फरतं लई रयं हैं।
टी.वी. अं माथे लाज छोड़ीने नाचतं अवे ते थई ग्यं हैं।
भरया हाट ने जोवा जो ते वगर वाजवी लुटअें हैं।
टुपली भरय्यं रुपियं हाटे सापुओ चीजे लावें हैं।
ताजा दूध में लाय फरी गई टामेटं टवळावें हैं।
लसण तुरियं बल्ले बईर मुंड़ं ई मटकावें हैं।
मद बजारे तानासाही सेठ ताकडिये तूलें हैं।
ठावे मुंड़े लुटवा सारू पान - पतासा वाटें हैं।
वाटे फेटे अरत-फरते धक्का-मुक्का थई ग्या हैं।
ऊपरा-सापरी गाड़ियं दौड़ते रोड घघडता रई ग्या हैं।
भटभटियं ने कारं नेंचे मानवी मरतं थई ग्यं हैं।
मलावटी नो माल खाईने टाटियां घांड़तं रई ग्यं हैं।
नवा नवेला नेता आजे हाची- झूठी जोडें हैं।
लोक-लाज मरजादा हेत्ती धोरे दाड़े तोडें हैं।
चोर-डाकू नै कातिल हेत्ता जेल में विस्की पीवें हैं।
हर्सद सरखी करी दलाली लांबी उमर जीवें हैं।
धरम-करम नं सेळं मानवी कुर्सी बल्ले तोड़ें हैं।
बूंबिये बईने भाई ना घोर ना थापड़ा दाड़ी फोड़ें हैं।
कादं बल्ले वांदा आजे चारे आड़े रई ग्या हैं।
वगर गुंवारे रेडा हेत्ता हरिया ताणता थई ग्या हैं।
जात वारं ने परजात ते प्रजातंत्र में पूमळे हैं।
गुरुद्वारं नं फाटक माथे राम रहिम ने लड़ावें हैं।
आतंक अत्याचार ना झौंकां च्यारै मेरे चालें हैं।
लूटपाट नै आगजनी ना गोला घोर में घालें हैं।
बाप बेटे नं मन मरी ग्यं भाई-भाई ने वाड़ें हैं।
मुंबई सरखं सेरं में ते जीवतं मानवी गाड़ें हैं।