सुराज का चतराम
गांधी जी का ई छा।
ज्यां कै तांई वै
सरग नै ई साथ लेग्या ।
अठी भी लोग
सुराज को सांचो
मतबल जाणर्या छै
अर आपणी-आपणी
तजोर्या नै भरभा
लागर्या छै।