कानाबाती रा
तार बिछावण सारू
खोदै ई खाई
अेक मशीन
देख’र मैं सोच्यो-
ओ'ई काम
मजूरां नै मिलतो
तो कित्तां रो पेट भरतो
दूजै दिन कीं
गौर स्यूं ख्यांती
तो कीं सावळ लागी
बा खाई इत्ती
डुंगी खोदै ई
के म्हनै लाग्यो-
आदमी स्यात ई इत्ती
खोद सकै
पण दस-बारहै
दिनां बाद
मैं देख्यो
कै सड़क रै किनारै
जठै दरख्त अड़न लागग्या
बठै मजूर
खाई पटण लागग्या