लोगां रा
आचार-विचार देखतां
आज यूं लागै’ क
जाणै जड़ा मूळ सूं ही
उठगौ है
राम रो नाऊंगौ
अर रावण री औलाद
बढ़गी है बेथाक
थोड़ा-घणा
जिका अे
राम रा वंशज-सा लागै
अे ई
भरोसौ करणै लायक नीं है
क्यूं’ क
राम रो रूप धर्यां
अे सगळा ई
भीतर सूं
पूरा रावण है।