हर काची-पाकी
काया रै भांडै
वै लगा दी है-
अेक लाय।
उणसूं
वांरै घरां मांय
हो रैयो है
अवस ही चानणो
पण हर काया लागी
उण लाय सूं
राख बणतो जा रैयो है
उण काया मांय
रैवण वाळो मिनख।