1

होठां रो दूध
सूक्यो ई कोनी
उण सूं पैलां ईं
हांचळां में दूध
सांचरग्यो।

2

खास वै कोनी
जिका आम नैं
चूस’र चलाय देवै।
खास वै है
जिका गुठली नैं
आम बणाय देवै।

3 

सहर मांय
भणबा वाळा
टाबरां नैं
आ ठा कोनी
कै कुण-कुण री
मांवां नैं
कितरो-कितरो
गैणो बेच्यो है।

4

अनौपचारिकतावां री
हाट में ठाठ सूं
औपचारिकतावां
इयां बैठी है
जियां बाल विधवा
सुरमो सार’र


5 

बाप री
गाढी कमाई
मंगळामुखी रै
लेखै लगाई
पल्ला लेवै
सगी लुगाई।
स्रोत
  • पोथी : जागती जोत अगस्त-सितंबर ,
  • सिरजक : कालू खां ,
  • संपादक : श्याम महर्षि ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृत अकादमी, बीकानेर