किताब मांय आप

सिसकतो सांच देख्यो हुवैला

अर रुमाल सूं

आंख पूंछी हुवैला

सिनेमा हॉल में

घायल सांच नै लख

आप री सुबक्यां

‘डिस्ट्रब’ कर्यो हुवैला

बगल रै किणी दरसक नै

पण आप कदे सोच्यो

कै

लोहीझरान सांच

कठै सूं ल्यायो जावै?

जे आप इणनै

बठै देख लेवता

जठै सूं ल्यायो जावै

तो बिचोलिया प्रथा

खत्म हो जावती।

स्रोत
  • पोथी : म्हैं अन्नदाता कोनी ,
  • सिरजक : रामस्वरूप किसान ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम